हरियाणा सरकार ने तपेदिक (टीबी) के मामलों की समय पर पहचान और इलाज सुनिश्चित करने के लिए एक नया राज्यव्यापी अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य है कि राज्य के सभी टीबी मरीजों का पंजीकरण “निक्षय पोर्टल” पर किया जाए, खासकर निजी अस्पतालों और क्लीनिकों से आने वाले मरीजों का।
राज्य के टीबी अधिकारी डॉ. राजेश राजू ने इस अभियान की शुरुआत की, जिसके तहत अब हरियाणा के सभी मेडिकल स्टोर्स पर विशेष सूचना बोर्ड लगाए जाएंगे। आमतौर पर सरकारी अस्पतालों से जुड़े मरीजों का निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण हो जाता है, लेकिन निजी क्षेत्र के मरीज अक्सर इस प्रक्रिया से छूट जाते हैं।
इस नई पहल के तहत ऐसे मरीजों को औपचारिक स्वास्थ्य प्रणाली से जोड़ा जाएगा, जिससे उन्हें समय पर मुफ्त दवाइयाँ, हर माह ₹1,000 की आर्थिक सहायता (DBT योजना के तहत), और अन्य लाभ मिल सकें।
डॉ. राजू ने बताया कि यह अभियान उन “गैर-पंजीकृत मरीजों” की पहचान और इलाज के लिए एक अहम कदम है, जो निजी डॉक्टरों के पास इलाज करवा रहे हैं। उन्होंने कहा, “इस अभियान से न केवल मरीजों को मदद मिलेगी, बल्कि टीबी-मुक्त हरियाणा के लक्ष्य को भी बल मिलेगा।”